फास्टैग टोल पर कौनसी बातों का ध्यान रखना चाहिये?

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फास्टटैग के सम्बंध में जरूरी बातें !


टोल प्लाजा पर स्कैन नहीं हो पा रहा फास्टैग तो फ्री में ही गुजर सकेगा वाहन


एक वर्ष पहले


-टोल टैक्स पर टैक्स वसूली के लिए 1 दिसंबर से फास्टैग अनिवार्य कर दिया है

-गाड़ी में ये फास्टैग नहीं लगाता है तो उसे दो गुना टोल देना होगा

1) फास्टैग से जुड़ी खास बातें...


यह एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है जिसे वाहन के विंडशील्ड पर लगाया जाता है, ताकि गाड़ी जब टोल प्लाजा से गुजरे तो प्लाजा पर मौजूद सेंसर फास्टैग को रीड कर सके। वहां लगे उपकरण ऑटोमैटिक तरीके से टोल टैक्स की वसूली कर लेते हैं। इससे वाहन चालकों के समय की बचत होती है। एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में देश के 537 टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए टोल टैक्स की वसूली की जा रही है।


फास्टैग की वैलिडिटी खरीदने के बाद 5 साल तक है। इस अवधि तक आपको बस इसे रिचार्ज कराते रहना है। फास्‍टैग को नेटबैंकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड, यूपीआई और अन्य तरीकों से भी रिचार्ज कराया जा सकता है।


सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि जो भी कोई फास्टैग नहीं लगवाएं उसे डबल टोल का भुगतान करना होगा। हालांकि बिना फास्टैग लगी गाड़ियो के लिए टोल प्लाजा पर एक लैन रहेगी ।


नियम के मुताबित किसी टोल पर स्कैनर में कोई खराबी आ जाती है और वह आपका फास्टैग स्कैन नहीं कर पा रहा है, तो इसके लिए वाहन चालक जिम्मेदार नहीं होगा। इस स्थिति में चालक को कोई पैसा नहीं चुकाना होगा और वह फ्री में टोल से गुजर सकेगा। इसके लिए टोल पर बोर्ड लगाने के लिए भी कहा गया है, जिससे जागरुकता फैलाई जा सके।


-भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से संचालित टोल प्लाजा।

-एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई समेत कई बैंक।

-ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पेटीएम, अमेजन डॉट कॉम।

-इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप।

-नेशनल हाईवे अथॉरिटी की माई फास्ट ऐप।

-गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट।

-गाड़ी मालिक की पासपोर्ट साइज फोटो।

-गाड़ी मालिक का केवाईसी डॉक्यूमेंट। जैसे- आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ।

-फास्ट टैग खरीदते समय इन सभी दस्तावेजों की ऑरिजनल कॉपी जरूर साथ रखें।

फास्टैग खरीदने पर इसे माय फास्टैग ऐप की मदद से बैंक अकाउंट से लिंक किया जा सकेगा। इसमें यूजर को व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर डालना होगा, जिसके बाद फास्टैग एक्टिवेट होगा। ऐप पर यूपीआई पेमेंट के जरिए यूजर अपने फास्टैग को रिचार्ज कर सकेंगे।

इसे पेटीएम से भी खरीदा जा सकेगा। पेटीएम पर वाहन की रजिस्ट्रेशेन नंबर और व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट अपलोड कर नए फास्टैग के लिए आवेदन किया जा सकता है। सभी फास्टैग ग्राहकों को टोल पेमेंट करने पर 2.5% कैशबैक भी मिलेगा।

फास्टैग से जुड़ी कई दिक्कतें जैसे फास्टैग का ठीक से स्कैन ना होना, फास्ट टैग का डैमेज या टूटने पर या फिर अकाउंट में पैसा होने पर टोल नहीं दे पाने जैसी दिक्कतों को आप एक फोन कॉल के जरि, सुलझा सकते हैं। नेशनल हाईवे ऑथोरिटी के नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1033 पर कॉल करके, या फिर हाईवे ऑथोरिटी की वेबसाइट Home या MyFastTag मोबाइल ऐप के जरिए फास्टैग से जुड़ी अपनी समस्या बता सकते हैं।

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